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मैं इंतज़ार करूँगा....

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मैं इंतज़ार करूँगा.... मैं इंतज़ार करूँगा उस वक़्त का, जब तू मेरा हाथ थामने को रजामंद होगी, मैं इंतज़ार करूँगा उस वक़्त का, जब तू हमेशा के लिये मेरे साथ होगी.. ऐसे वक्त का भी इंतज़ार करूँगा, जब तू रूठे मुझसे और फिर मैं मनाऊँ तुझे, तेरी एक - एक हंसी के लिये, अपनी बेजान सी सांसे बिछा दूँगा मैं.... यूँ तो मैं चाय का ज्यादा शौकीन नही, पर फिर भी इंतज़ार करूँगा मैं उस वक़्त का, जब हर सुबह चाय की चुस्कियाँ तेरे साथ लूंगा, इंतज़ार करूँगा उस वक़्त का, जब तेरी ख्वाइशों को , तेरी जरूरतों को, और तेरी हर एक फरमाइश को, अपना सपना समझ के मैं पूरा करने लगूँगा.... इतना बड़ा तो नही मैं , की चाँद तारे तोड़ लाने की बातें करूँ, पर तेरी हर एक ख्वाईश पूरी करने के लिए, अपना एक एक पहर बीता दूँगा....      *स्वरचित* Image source - Google                                 *शुभम डबराल*

फिर भी बेवफा तुम नही...

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फिर भी बेवफा तुम नही.... चंद पंक्तियाँ ऐसे लोगों के नाम जिन्हें हम कभी खोना नही चाहते, कुछ लोगों को हम चाह कर भी नही भूल पाते, और कुछ लोग हमारी जिन्दगी में ऐसे भी आते है  जिन्हें हम ही कभी याद नही आते..     कितना मनाने की हम उनको कोशिस करते हैं, और कमबख्त वो ही किसी और को अपना बना जाते हैं, हम सालों-साल उन्हे देखते बीता जाते हैं, और हफ्ते भर में ही वो किसी और के हो जाते हैं.. हम मायुस हो कर सब हार जाते हैं, और वो किसी और के हाथ में हाथ डाल के सामने से हमारे निकल जाते हैं.. जानता हूँ की कमियाँ आदी डबराल में बहुत होंगी, पर बिन कमियों के तो तुम भी नही होंगी, माना की सोच में तेरी अच्छा नही हूँ मैं , पर इश्क में रात और दिन सिर्फ तेरा ही हूँ मैं.. अब न एक पल    भी   जीना   गंवारा होगा तेरे बिना , चाहत का इतना बड़ा आशिक   डबराल   है   तेरा.. बिन तेरे जिंदगी में कुछ भी नही   , इसलिए सम्भाल लेना मुझ को तू थोडा.. Ⓒ आदी डबराल 

अधूरी ख्वाइश मेरी.....

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एक स्टेटस में कहा था दफा तूने एक बारी        ↓    ↓    ↓ "Bdi lambi guftagu karni hai tum aana, ek puri zindgi le kar." सुनो... आया हूं जिंदगी और सांसे लिए नाम तेरे  अब भी यकीन तुझे ना हो प्यार में मेरे  तू ले ले जान फिर मेरी.. शिकायतें अब भी कितनी है तुझे मुझसे ? बता मुझे आज यह भी दे जरा.. गुस्ताख दिल तेरे हवाले किया है अपना , संभाल लेना इसको तू समझकर अपना.. आई थी चंद वक्त पहले और अब जाने वाली है चंद वक्त में, बोलूंगा अलविदा कैसे तुझे मैं परेशान हो अभी से रहा हूं.. सुकून मिलता था देख के तुझे सीट में सामने अपने, अब न मंजर होगा वह ना सामने मेरी होगी तू.. दीदार को भी तरसुंगा तेरे.. पल वह पल जो बीते थे संग तेरे  ना लौट के आएंगे कभी, खो जाऊंगा यादों में तेरी  और खो जायेगी यादों में मेरी तू, कभी याद मेरी तुझे भी सतायेगी जरूर, जून की वह धूप फिर भी तेरा मेरा पैदल चलना  लड़ना पल पल का  और नजरें चुराकर फिर देखना  कभी जो नजरें मिल जाए  तो फिर देख के एक-दूसरे पर हंसना.. सुबह की शुरुआत एक दूसरे से  और फिर रात क

#और_फिर_तेरा_चले_जाना.#1

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जिंदगी पता तो नही पर काट ही लूंगा तुझे, आँखों के आँशुओं को भी छुपा लूंगा मैं.. छलक कर गिरे जो बूँद आँखों से तो कचरा समझ के साफ़ कर दूंगा उन्हे.. विचलित सा यूँ मैं हो गया हूँ, रूप तेरा ये  रौद्र देखकर.. दोष है क्या मेरा बता दे, प्यार तुझे अरसों से मैंने किया है ? क्यूँ गयी यूँ तरसता मुझे अकेले छोड़कर, प्यार करने की कैसी मेरी ये सजा है ? बिताये जो साये में एक दूसरे के वो लम्हे, ढाल बन के काटे जो थे वो लम्हे, जान हम उन में एक दूजे के थे वो लम्हे, साँस लेना भी कयामत था न होते अगर वो लम्हे.. न जाने फिर कब लौट आयें वो लम्हे जब साथ फिर होंगे हम लम्हे लम्हे.. किस्मत में मेरी नही की शायद, बिता सकूँ मैं साथ तेरे लम्हे.. नजर न जाने लगी है हमको किस लम्हे, अब खुशियां मेरी मातम मनाती हर लम्हे लम्हे.. Ⓒ आदी डबराल